राजधानी के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजाें के पर्चे पर डाॅक्टर्स इम्प्लांट, मेडिकल डिवाइस का स्पेसीफिकेशन लिखेंगे लेकिन कंपनी का नाम नहीं। मरीज काे इम्प्लांट अमृत फार्मेसी से खरीदना है या प्राइवेट मेडिकल स्टाेर से? यह मरीज और उनके परिजन हर तय करेंगे। आयुष्मान और बीपीएल मरीजाें काे लगने वाले इम्प्लांट और मेडिकल डिवाइस की खरीदी एम्स हाॅस्पिटल प्रबंधन करेगा। यह व्यवस्था एम्स भाेपाल में जल्द ही लागू की जाएगी। इसकी गाइडलाइन बनाने एम्स डायरेक्टर ने तीन सब कमेटियां बनाई हैं, जाे अपनी सिफारिशें इस महीने के आखिरी में डायरेक्टर काे साैंपेगी। इसकी पुष्टि एम्स के डायरेक्टर डाॅ. सरमन सिंह ने की है।
रिकॉर्ड का होगा औचक निरीक्षण
एम्स की ओपीडी में इलाज कराने वाले प्रत्येक मरीज के पर्चे पर लिखी दवाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी अमृत फार्मेसी की हाेगी। इसके लिए एम्स हाॅस्पिटल की एक कमेटी हर महीने अमृत फार्मेसी के दवा खरीदी और बिक्री के रिकाॅर्ड का औचक निरीक्षण भी करेगी। ताकि कम कीमत पर मरीज काे उसकी बीमारी काे ठीक करने के काम अाने वाली दवा मिल सके। एम्स अफसराें के अनुसार बीपीएल, आयुष्मान और नेशनल हेल्थ स्कीम के मरीजाें की दवाएं अमृत फार्मेसी काे सप्लाई करना अनिवार्य रहेगा।
अमृत फार्मेसी ने बीते एक साल से नहीं खरीदे इम्प्लांट
एम्स में संचालित अमृत फार्मेसी ने एक साल में एम्स भाेपाल के लिए एक भी इम्प्लांट नहीं खरीदा है। इस कारण इमरजेंसी में मरीजाें के परिजनाें काे मेडिकल स्टाेर एजेंट्स के मार्फत इंप्लांट खरीदना पड़ता है। यह खुलासा एम्स के अमृत फार्मेसी में दवाओं और इम्प्लांट की उपलब्धता जांचने बनाई गई कमेटी ने अपनी जांच रिपाेर्ट में किया है। यह रिपाेर्ट अमृत फार्मेसी के दवा खरीदी और बिक्री के रिकाॅर्ड की फिजिकल जांच करके बनाई गई है। जांच रिपाेर्ट के मुताबिक अभी अमृत फार्मेसी की दवा दुकान पर मरीज काे पर्चे पर लिखी गई 5 दवाओं में से 2 यह 3 ही मिलती है। शेष 2 दवाएं मरीज काे बाहर से खरीदना पड़ती हैं। इस व्यवस्था काे भी सुधारा जाएगा।
अमृत फार्मेसी हर महीने देगा दवाओं की स्टाॅक लिस्ट
एम्स में नई व्यवस्था फरवरी में लागू हाेगी। इसके तहत अमृत फार्मेसी प्रबंधन, एम्स हाॅस्पिटल प्रशासन काे स्टाॅक में उपलब्ध दवाओं की सूची साैंपेगा। यह लिस्ट हाॅस्पिटल के सभी डिपार्टमेंट के डाॅक्टर्स काे भेजी जाएगी। ताकि ओपीडी और आईपीडी मरीजाें के पर्चे पर वही दवाएं डाॅक्टर लिख सके, जाे अमृत फार्मेसी के स्टाॅक में हैं। ताकि डाॅक्टर्स मरीजाें के पर्चे पर फार्मेसी में उपलब्ध दवाएं लिखें।
गाइडलाइन बनाने के लिए तीन सब कमेटियां गठित
एम्स हाॅस्पिटल में संचालित अमृत फार्मेसी में दवाओं और इंप्लांट की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मरीजाें काे कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता की दवा उपलब्ध कराने की गाइडलाइन बनाने के लिए तीन सब कमेटी बनाई हैं। तीनाें कमेटी जल्द ही अपनी रिपाेर्ट सबमिट करेंगी। अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि अमृत फार्मेसी ने बीते एक साल में एक भी इंप्लांट, एम्स भाेपाल के लिए नहीं खरीदा। इसे लेकर अमृत फार्मेसी प्रबंधन से भी जवाब मांगा है। डाॅ. सरमन सिंह, डायरेक्टर, एम्स